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🎵 क्या संगीत प्रतियोगिताओं में पारदर्शिता एक सपना है?

लेखक: जितेन्द्र गौतम

हर प्रतियोगिता में पारदर्शिता (transparency) एक जरूरी मूल मंत्र मानी जाती है — फिर चाहे वह खेल प्रतियोगिता हो, वाद-विवाद हो या नृत्य प्रदर्शन। लेकिन बात जब संगीत प्रतियोगिताओं (Music Competitions) की आती है, तो क्या हम वास्तव में उस पारदर्शिता को देख पाते हैं जिसकी हम अपेक्षा करते हैं?

🎤 संगीत प्रतियोगिताओं की आज की स्थिति

चाहे बात इंटर-स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी लेवल की हो — एक तय प्रक्रिया होती है:

  • 10 से 15 प्रतियोगी भाग लेते हैं
  • सबका प्रदर्शन होता है
  • जज सामने बैठे होते हैं, कुछ लिखते रहते हैं
  • और अंत में अचानक घोषित कर दिया जाता है: "First, Second, Third... और कुछ Consolation Prizes"

बाकी के 11 छात्रों को क्या मिला? सिर्फ तालियाँ?

🤯 मानसिक प्रभाव का क्या?

जिस विद्यार्थी ने कई घंटे रियाज़ किया, मन से प्रस्तुति दी, उसे ये भी पता नहीं चलता कि वह:

  • चौथे स्थान पर था या अंतिम?
  • उसकी कमज़ोरी सुर थी या ताल, प्रस्तुति थी या सामूहिक तालमेल?

इससे बच्चों के मन में निराशा, अविश्वास और कभी-कभी संगीत से दूरी तक पैदा हो जाती है।

📝 क्या जजमेंट पारदर्शी है?

कई बार जज मंच छोड़ चुके होते हैं और परिणाम तब सुनाया जाता है।

कई बार कहा जाता है कि "रिज़ल्ट वेबसाइट पर आएगा", वो भी 2-4 दिन बाद

सवाल उठता है — क्या वो परिणाम वही है जो जजों ने दिया था?

क्या कभी कोई जजमेंट शीट दिखाई गई है?

क्या जजमेंट के मानक सार्वजनिक हैं?

📊 खेलों से सीखें

खेलों में हर गलती पर सीटी बजती है, और दर्शकों को तुरंत पता चलता है कि नियम का उल्लंघन हुआ है या नहीं।

संगीत में ऐसा क्यों नहीं?

  • कोई अलाप बिगड़ा — पता ही नहीं चलता
  • ताल चूका — सिर्फ गिने-चुने लोग समझ पाते हैं
  • हार्मोनी, सिंफनी, कम्पोजिशन — इसका क्या आकलन हुआ, यह भी कोई नहीं जानता

🇮🇳 AIU जैसे राष्ट्रीय मंच भी पीछे क्यों?

Association of Indian Universities (AIU) का Youth Festival देश का सबसे बड़ा मंच है।

क्या वहां की जजमेंट शीट में ये कॉलम होते हैं?

  • स्वर / Melody
  • ताल / Rhythm
  • हार्मोनी / Harmony
  • संपूर्ण प्रस्तुति / Overall Performance
  • तान / Taans
  • सिंफनी / Symphony
  • कम्पोजिशन / Composition
  • भाव / Expression

और सबसे अहम सवाल — क्या वेस्टर्न सॉन्ग्स के लिए जो जज नियुक्त किए जाते हैं, उन्हें वेस्टर्न म्यूजिक की शैली, स्वरूप और भाषा की समझ है भी?

कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई "Opera" और "Rock" में फर्क ही नहीं समझता, और फिर भी निर्णायक बना बैठा है?

💻 ऑनलाइन प्रतियोगिताएं — मजबूरी या चालाकी?

कोरोना के समय ऑनलाइन कॉम्पिटिशन एक मजबूरी था — मगर अब?

आज भी कई संस्थान:

  • ऑनलाइन प्रतियोगिताएं आयोजित कर रहे हैं
  • E-Certificate बाँट रहे हैं
  • और परिणाम वेबसाइट पर डाल रहे हैं — वो भी कई दिनों बाद

क्या यह सब केवल पैसे बचाने के लिए हो रहा है?

या डेटा एकत्र करने के लिए?

🙏 अब क्या करें?

35 साल के अनुभव के साथ मैं कह सकता हूं कि जब तक हम संगीत प्रेमी चुप रहेंगे,

संगीत प्रतियोगिताओं में पारदर्शिता एक सपना ही बनी रहेगी।

हमें मिलकर आवाज़ उठानी होगी:

  • सभी प्रतियोगिताओं में फेयर जजमेंट सिस्टम लागू हो
  • जजमेंट शीट्स सार्वजनिक की जाएं (कम से कम विद्यार्थियों को)
  • हर कॉलम और मानक साफ-साफ बताए जाएं
  • जजों की योग्यता सुनिश्चित की जाए — विशेष रूप से वेस्टर्न म्यूजिक में
  • Offline competitions को बढ़ावा दिया जाए, सिर्फ सर्टिफिकेट बाटने के लिए online events बंद हों

✊ आइए, बदलाव की शुरुआत करें

यदि आप भी इस विचार से सहमत हैं, तो इसे साझा करें, सवाल पूछें, मंचों पर बात रखें —

क्योंकि सच्चे संगीत प्रेमी सिर्फ सुर नहीं समझते, न्याय भी समझते हैं।

https://www.deckm.in/blog/blog-1/music-teacher-competition-importance-14